यह vasna sex stories एक भाभी की कामवासना की कहानी है और यह devar bhabhi sex story hindi सेक्स से भरपूर है अब मैं यह bhabhi sex story शुरू करता हूं
Devar Bhabhi Sex Story Hindi
रात के आठ बजे थे बहुत दिन हो चुके थे वंदना भाभी ने मोहन से ठुकवा कर चुदाई नहीं करवाई थी उसका पति राजेश भी घर में ही था इसलिए वह ज्यादा गुस्सा हो रही थी और उसने मोहन से बात करने लिए दुकानदार को फोन लगवाकर मोहन को बुलाया
वंदना भाभी – हैलो मोहन को बुलाएंगे क्या एक बार ?
उधर से आवाज आई – आप कौन बोल रही हैं ?
वंदना भाभी – बोल देना कि वंदना का फोन है
दुकानदार ने मोहन को बुलाने के लिए एक लड़के को भेजा
लड़के ने कहा – मोहन सेठ किसी वंदना का फोन है आपके लिए
मोहन ने जो काम था वो बाजू मे रख कर तुरंत जाकर फोन लिया हैलो भाभी बोलो ?
वंदना भाभी – मोहन कहां पर हो तुम मेरी याद आती है या नहीं ?
मोहन – ओह जानेमन तुम्हें कैसे भूल सकता हूं मैं बिस्तर पर जब भी जाता हूं तुम्हारे बदन की वो याद और महक लेकर ही सोता हूं तुम ही हो जो मेरे सपनों में आकर हमेशा वो नॉटी वाली तकलीफ देकर मेरी नींद हराम कर देती हो
वंदना भाभी – सच्ची मोहन मेरे नॉटी मोहन गुन्डाराज मैं भी तुम्हें और तुम्हारी गर्माहट को मिस जो कर रही हूं
मोहन – ओह भाभी तुम भी ना आज रात तुम्हारे घर पर आता हूं मैं लेकिन भाभी तेरा पति भी तो घर पर है रात को भी तू बाहर नहीं निकल पाती है
वंदना भाभी – मोहन मेरे पास एक आइडिया है आज ये शराब पीने के मूड में है
तुम ऐसा करना कि रात के 11 बजे तक आना मैं रात को दरवाजा खुला ही रखूंगी तुम चुपके से मेरे घर में अंदर आकर बिजली का मेन स्विच बंद कर देना मैं लाइट जाने का बहाना करके तुम्हारे पास आ जाऊंगी और तुम्हारी बांहों में खुद को सौंप दूंगी
मोहन – सच में भाभी तुम्हारे दिमाग को तो मानना पड़ेगा क्या दिमाग लगाती हो तुम मेरी चुदक्कड़ भाभी
मुझे भी भाभी की चूत का पानी पीने की प्यास बहुत दिनों से सता रही थी आज रात को मैं बेसब्री से इंतजार करूंगा मेरी सेक्सी भाभी फोन को रखने के बाद मोहन ने दुकानदार को देखा
दुकानदार बोला – क्या माल पटा कर रखी हुई है तूने मोहन
मोहन – हां यार क्या बताऊं मैंने बहुत सी लड़कियों और औरतों को पटा कर चोदा हुआ है लेकिन यह जो सर्विस देती है वो कोई और नहीं देती
साली बिना कंडोम के ही मेरे लंड से चुदवा लेती है कई बार तो मुझे डर भी लगता है कि कहीं कुछ हो न जाये लेकिन मैं खुशनसीब हूं कि अभी तक कुछ नहीं हुआ है
दुकानदार – हां मोहन सेठ लेकिन एक बात का ध्यान रखना इसके पति से बच कर रहना वो पॉलिटिक्स वाला आदमी है
मोहन – हां ये बात तो है चलो ठीक है मैं जा रहा हूं क्योंकि रात को मुझे निकलना है
रात के 11 बजे मोहन वंदना भाभी के घर पर पहुंच गया और देखा कि वंदना भाभी एक सेक्सी सा गाउन पहने हुए खड़ी हुई थी भाभी ने मोहन सेठ को अपने घर के पास आते हुए देख लिया था
उसने अपने पति को बोला कि अब बंद भी करो उसका पति दारू पीने में लगा हुआ था वंदना का इशारा मोहन की तरफ था बंद तो उसको अपने घर की बिजली करवानी थी
भाभी ने मोहन को आंख मार दी मोहन ने बिजली बंद कर दी और भाभी ने मोहन को दूसरे रूम में जाने के लिए चुपके से बोल दिया लाइट बंद होते ही राजेश की दारू में भंग पड़ गया वो उठ कर अपने बेड पर चला गया
5 मिनट के अंदर ही राजेश के खर्राटों की आवाज आना शुरू हो गई मोहन भी ताक में था कि कब भाभी का पति राजेश सोयेगा और वो अपना काम शुरू करेगा
जैसे ही मोहन को पता चला कि राजेश सो चुका है तो पीछे से आकर उसने भाभी को अपनी बांहों में लपक लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा भाभी भी मोहन की बांहों में आते ही चुदासी हो गई
भाभी की गांड को छूते ही मोहन का मोटा लंड तनना शुरू हो गया और भाभी की मोटी गांड के बीच में अपनी जगह तलाशने लगा
मोहन ने अपने तने हुए लंड को भाभी की गांड की दरार के बीच में घुसा दिया कपड़ों के ऊपर से ही जब मोहन का लंड भाभी की गांड पर लगा तो भाभी मचल सी गई
उसने पलट कर मोहन के होंठों को चूसना शुरू कर दिया मोहन ने भाभी की कमर पर अपनी बांहों का घेरा बना दिया और उसको अपने आगोश में जकड़ लिया
उसके बाद उसने भाभी को फिर से पलटा और अपना खड़ा हुआ लंड भाभी की गांड में घुसाने लगा और आगे की तरफ हाथ ले जाकर भाभी के मोटे मम्मों को दबाने लगा भाभी के मुंह से सिसकारी बाहर आना चाहती थी
लेकिन साथ में ही पति सो रहा था इसलिए भाभी बड़ी मुश्किल से खुद को रोक कर रखे हुए थी मोहन जोर से भाभी के मम्मों को दबा रहा था उसका लंड अपने पूरे आकार में आ गया था
जब भाभी से रहा न गया तो भाभी ने पीछे हाथ ले जाकर मोहन के लंड को उसकी पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी भाभी के हाथ में लंड आते ही मोहन की हवस और ज्यादा भड़क गई और वो भाभी को बुरी तरह से काटने लगा
भाभी ने कहा – चलो अंदर चलते हैं ये शराबी तो अभी नहीं उठने वाला बहुत दिनों से तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूं
मोहन ने भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और फिर कमरे में अंदर ले गया लेकिन चुदाई की जल्दबाजी में वो लोग कमरे को अंदर से लॉक करना भूल गये
लाइट भी नहीं थी इसलिए सोचा होगा कि वैसे भी अंधेरे में क्या कुछ पता लगने वाला है बेडरूम का दरवाजा बंद किये बिना ही वो चूमा चाटी में लग गये
अंदर जाते ही भाभी ने मोहन की शर्ट और पैंट उतरवा दी और फिर सोफे पर उसको बिठा दिया मोहन का लंड उसके अंडरवियर में तना हुआ था मोहन ने अपना अंडरवियर भी उतार दिया और वो सोफे पर बैठा हुआ नंगा हो गया
उसका लंड उसकी जांघों के बीच में ऐसे तना हुआ था जैसे बिल से निकल कर सांप फन उठाये खड़ा हो फिर भाभी ने अपने कपड़े उतार लिये और नंगी होकर मोहन की गोद में आकर बैठ गई
मोहन का तना हुआ लौड़ा भाभी की गांड के नीचे दब गया गोद में बैठी हुई भाभी के मम्मों को मुंह लगा कर ऐसे पीने लगा जैसे बहुत दिनों से किसी को पानी नसीब नहीं हुआ हो
लेकिन यहां पर दूध निकालने की कोशिश की जा रही थी वो जोर से भाभी के मम्मों को पीने में लगा हुआ था भाभी के मुंह से सीत्कार फूट रहे थे
मोहन का लंड भाभी की गांड के नीचे उसकी चूत में जाने के तड़प रहा था इधर भाभी की गांड भी मोहन के लंड पर उछलने के लिए बेताब हुई जा रही थी
फिर मोहन ही बोल पड़ा – बस भाभी बस अब और क्यूं तड़पा रही हो इस पर उछलो ना
भाभी बोली – आह्ह मोहन तुम मेरे मन की बात कैसे जान लेते हो मैं तो खुद तुमसे कहने वाली थी कि अब अंदर डाल दो मेरी चूत ने पानी निकाल कर पूरी तैयारी कर ली है
फिर भाभी ने अपनी टांगों को फैलाते हुए मोहन के तने हुए लंड पर अपनी चूत को सेट किया उसके तगड़े लंड को अपनी चूत में लेते हुए बैठती चली गई
भाभी की गीली चिकनी चूत में मोहन का लंड उतरने लगा और पूरा का पूरा लंड उतरते ही भाभी और मोहन के मुंह से एक साथ आह्ह निकल गई
लंड पूरा का पूरा चूत में उतर गया था और भाभी अब मोहन के लंड पर उछलने की तैयारी कर रही थी भाभी ने मोहन के गले में बांहें डाल दीं और मोहन के लंड पर उछलना शुरू हो गई
मोहन ने भाभी के मम्मों को मुंह में भर लिया उम्म्ह अहह हय ओह मेरी जान मेरी रानी तुम्हारी गर्म चूत में लंड देकर तो मैं दुनिया ही भूल जाता हूं
भाभी बोली – मेरे राजा तुम्हारा लंड मेरी चूत की प्यास और बढ़ा देता है मैं इसको खा जाऊंगी आह्ह चोदो मुझे मेरे राजा आह्हह
दोनों ही मस्ती में सेक्स का मजा लेने लगे उछलने के कारण भाभी की चूड़ियां खन खन कर रही थीं भाभी की चूत पच पच कर रही थी और दोनों की जुबान आह आह कर रही थी
अपने मजे में वो ये भी भूल गये कि घर में कोई और मर्द भी सो रहा है वो दोनों चुदाई में खोये हुए थे लेकिन इसी बीच भाभी का पति राजेश नींद से उठ गया
भाभी की चूड़ियों की खन खन सुन कर उसको शक हो गया ये आवाज कहां से आ रही है साथ में ही वंदना भाभी के मुंह से जो सीत्कार निकल रहे थे उनकी आवाज भी राजेश ने झट से पहचान ली
वो तुरंत उठ कर रसोई में गया और लैम्प जला कर दूसरे बेड रूम की ओर जाने लगा जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो देखा कि उसकी बीवी किसी और के लंड की सवारी कर रही है
जैसे ही लैम्प की रोशनी कमरे में पहुंची तो वंदना भाभी और मोहन की गांड फट गई दोनों को ही उसके पति ने चुदाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया था
वो हक्का बक्का होकर राजेश को देखते ही रह गये उनको अंदाजा नहीं था कि राजेश नींद से जाग भी सकता है मगर राजेश ने नंगी भाभी को गैर मर्द के लंड के ऊपर देख लिया था
राजेश बोला – साली तू यहां पर किसी और के लंड से ठुकवा रही है साली रांड
मेरी मां ने सही कहा था तेरे बारे में वो मुझे बोल कर गई थी कि अपनी बीवी का ध्यान रखना उस वक्त मैं मां की बात को हल्के में ले गया लेकिन तू साली चुदक्कड़ यहां दूसरे के लंड के साथ रंगरलियां मना रही है
भले ही राजेश ने उन दोनों को देख लिया था लेकिन अभी भी मोहन का लंड वंदना भाभी की चूत में ही था और उसने अपनी मलाई वंदना भाभी की चूत में गिरा दी थी लेकिन बस राजेश के आने के कारण धक्के बंद हो गये थे
वंदना भाभी को भी अहसास हो गया था कि मोहन का माल चूत में निकल चुका है इसलिए उसको एक अलग ही नशा सा चढ़ा हुआ था राजेश की बातों का उस पर कोई खास असर नहीं हो रहा था
इधर राजेश वंदना को गालियां दे रहा था साली तेरी इतनी हिम्मत हो गई कि तू गैर मर्द को मेरे ही घर में बिस्तर पर ले आई
वंदना भाभी बोली – तो क्या करती मैं ? तुम्हारे लंड से मेरी चूत की प्यास नहीं बुझती है तुम तो 2 धक्के लगा कर एक तरफ हो जाते हो
राजेश – तो साली सांड का लंड क्यूं नहीं ले लेती
भाभी बोली – मैं तो मोहन का ही लूंगी तुमको जो करना है कर लो
वन्दना भाभी ने मोहन की तरफ देख कर कहा तुम रुक क्यों गये इस नामर्द से डरने की जरूरत नहीं है तुम चुदाई चालू रखो
मोहन बोला – लेकिन मेरे लंड का माल चूत में निकल चुका है
भाभी ने मोहन के मुंह पर एक तमाचा मारा और उठ कर चिल्लाती हुई नंगी ही कमरे से बाहर निकल गई मोहन भी उठ कर अपने कपड़े लेकर दरवाजे की तरफ भागा तो राजेश ने लैम्प मोहन की गांड पर फेंक कर मारा
मोहन की गांड पर गर्म लैम्प लगा लेकिन वो गांड को मलते हुए घर से बाहर भाग गया उसके बाद राजेश वंदना के कमरे की तरफ गया लेकिन वंदना भाभी ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था
राजेश अपना सिर पीटते हुए दूसरे कमरे में जाकर लेट गया आपको ये भाभी की कामवासना और devar bhabhi sex story hindi कैसी लगी जरूर बताना और hindi sex story पढ़ने के लिये आप vasna sex stories com पर आते रहे
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