आप ने hindi sex story के पिछले भाग में पढ़ा मैं भी उसके ऊपर झुक गया मगर उसके मम्मों से खेलने के लिए वो मेरे सर के बालों को सहलाने लगी और मैं उसके मम्मों को चूसने लगा अब आप free hindi sexy kahani में आगे पढ़े
Free Hindi Sexy Kahani 2
चूसते चूसते मैंने कई बार उसके मम्मों पर यहां वहां काटा ज़ोर से काटा के निशान बन जाए मगर वो भी रब की बंदी मेरे हर बार काटने पर सिसकारियां तो भरती मगर कभी भी उसने मना नहीं किया
उसके दोनों मम्मों पर मैंने काटने के 5-6 गहरे निशान बना दिये फिर मैंने उसके पेट पर चूमा कमर को भी गुदगुदाया गुदगुदी होने पर वो खूब हंसी
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और खींच कर उसकी सलवार खोल दी और फिर उतार भी दी मेरे सामने वो बिल्कुल नंगी लेटी थी
कितने दिनों महीनों से मैं उसके बारे में ऐसा सोचता था आज वो दिन आया था जब मैंने उसे पूर्ण रूप से नंगी देखा था
वो बोली – क्या देख रहे हो जीजाजी ?
मैंने कहा – मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा था तब सोचा था कि अगर कभी मौका मिले तो मैं तुम्हें नंगी देखना चाहूंगा आज मुझे वो मौका मिला
वो बोली – मैं बताऊं जब मैंने आपको पहली बार देखा तब मेरे दिल में भी ये ख्याल आया था आपसे सेक्स करने का मगर आप ऐसे बुद्धू कि अपनी बीवी के नाड़े से ही बंधे रहे
मैंने कहा – अरे यार देखो अब बात ये है कि मुझे अपनी बीवी से ज़्यादा और कोई सुंदर लगती ही नहीं तो मैं किसी और को देखता ही नहीं ऐसी बात नहीं है कि मैं तुम्हारे इशारे नहीं समझ रहा था
मगर क्या करता हर बार बीवी साथ थी तो तुमसे अपने दिल बात कहता तो कहता कैसे ?
वो बोली – तो अब कह दो अब तो आपकी बीवी भी आपके साथ नहीं है
मैंने अपनी कमीज़ खोली अपनी पैन्ट बनियान चड्डी सब उतार दी और रूपा के सामने बिल्कुल नंगा हो गया लो मेरी जान मैंने रूपा से कहा आज मैंने अपना सब कुछ तुम्हें सौंप दिया
वो उठ कर खड़ी हुई और मेरे पास आ कर मुझे लिपट गई हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से जैसे चिपक गए हों कितनी देर हम एक दूसरे के बदन से चिपके रहे
इस एहसास से चिपके रहे कि जिसको इतने महीनों से देख देख कर मन मसोसते थे आज वो बिल्कुल नग्न मेरी बांहों में है मेरा पूरा तना हुआ लंड हम दोनों के पेट के बीच में अटका हुआ था
मैंने कहा – रूपा मेरी जान मेरा लंड चूसेगी ?
वो बोली – आज से पहले सिर्फ मेरे पति ने मुझे नंगी देखा है उनके जाने के बाद मैंने आपको अपना तन मन सब अर्पण कर दिया है
आप बस मुझे धोखा मत देना सब कुछ आपका है जो कहोगे मैं करूंगी आपकी बांदी हूं गोल्ली हूं नौकर हूं जो समझो वो हूं
आपका हुकुम मेरे सर आंखों पर कहते कहते वो नीचे को बैठ गई और अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ा और उसकी चमड़ी पीछे हटा कर उसने मेरे लंड का टोपा बाहर निकाला और अपने मुंह में ले लिया
अब मेरी पत्नी थोड़ा नखरे करती है रूपा का एकदम से मेरा लंड चूसना मुझे अंदर तक गुदगुदा गया बहुत आनंद आया जब उसके होंठों ने मेरे लंड को अपनी आगोश में कस लिया
मैं दीवान पर ही बैठ गया और वो मेरे सामने फर्श पर बैठी मेरे दोनों चूतड़ों को अपने हाथों में पकड़े और अपने मुंह में मेरा लंड भरे उसे चूसने में मस्त थी
हालांकि मेरा लंड कोई बहुत बड़ा नहीं है सिर्फ 6 इंच का ही है एक आम साधारण सा ही लंड है मगर प्यासी औरत को तो ढाई इंच का लंड भी ठंडा कर सकता है
मैं उसके सर को सहला रहा था उसके बदन को अपने पांव से मसल रहा था मोटी चर्बी से भरी कमर पेट जांघें हिलाओ तो लहरें उठती थी बदन में कुछ देर चुसवा कर मेरा भी दिल करने लगा कि मैं भी उसकी चूत चाट कर देखूं
मैंने उसे कहा – रूपा ऊपर बेड पर आ कर लेट जाओ
वो उठी और बेड पर लेट गई
मगर जब मैं उसके ऊपर उल्टा हो कर लेटने लगा तो वो मुझे रोकते हुये बोली नहीं नहीं चाटना मत मैं बस एक दो मिनट से ज़्यादा नहीं टिक पाऊंगी आप अंदर डालो और शुरू करो
मैंने उसकी चूत देखी पानी की दो तीन बारीक धारें उसकी जांघों तक बह आई थी मतलब वो इतनी गर्म थी इतनी प्यासी थी कि बिना छूये भी झड़ने के करीब थी
मैंने उसकी टांगें खोली और अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में घुसा उसने अपने नाखून मेरे कंधों में गड़ा दिये ओह मेरे मालिक उसकी आँखें बंद होंठ खुले
मैंने अपने होंठों से उसके होंठ पकड़ लिए और अपनी जीभ उसके मुंह में घुमाई कुछ कहने की ज़रूरत नहीं पड़ी वो मेरी जीभ को चूसने लगी और नीचे से अपनी कमर भी चलाने लगी
अभी मुश्किल से एक मिनट भी नहीं हुआ था कि उसने मुझे अपने आगोश में कस के जकड़ लिया अपनी कमर ऊपर को हवा में उठा ली और मुझे बोली उम्म्ह अहह हाय ओह ज़ोर से और ज़ोर से चोदो जीजाजी मुझे
मैं एकदम से तेज़ गति से अपनी बीवी की सहेली यानि मुंह बोली साली को चोदने लगा और अगले ही पल वो अपनी जांघों से कभी मेरी कमर को जकड़ लेती कभी छोड़ देती ऐसा उसने कई बार किया
मैंने भी महसूस किया जैसे उसकी चूत से बेशुमार पानी बह निकला हो मैंने उसके गाल पर काट लिया मगर हल्के से कि निशान ना पड़े
पहले तो उसकी तड़प तेज़ थी मगर फिर धीरे धीरे उसकी तड़प शांत होती गई जब उसकी जांघों की जकड़ ढीली पड़ी तो मैंने फिर से चुदाई शुरू करी
मगर वो बहुत शांत संतुष्ट मेरे नीचे लेटी थी उसने अपनी टांगें हवा में उठा ली जिस से उसकी चूत पूरी तरह से खुल गई मैं उसे घपाघप चोदने लगा
अब मैं तो पूरी तैयारी के साथ आया था क्योंकि उस पर धाक जमाने के लिए मुझे उसे खूब सारा चोदना था करीब 5-6 मिनट की चुदाई के बाद वो बोली मैं घोड़ी बनना चाहती हूं
मुझे क्या ऐतराज हो सकता था मैं पीछे हटा तो वो मेरे सामने घोड़ी बन गई अपना लंड मैंने उसकी चूत में डाला तो वो खुद आगे पीछे कमर हिला कर चुदवाने लगी
मैंने कहा – अरे वाह तू तो मस्त चुदवाती है
वो बोली – अरे मेरे मालिक अभी तो देखते जाओ मैं आपको कैसे कैसे निहाल करती हूं
मैंने कहा – तो रोका किसने है करो निहाल
कुछ देर खुद ही घोड़ी बन कर चुदवाने के बाद वो आगे को बढ़ी मेरा लंड उसी चूत से बाहर निकल गया उसने मुझे धकिया कर नीचे लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई
मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रख कर खुद ही अंदर ले लिया अपने दोनों हाथ मेरे सर के अगल बगल रख कर वो मेरे ऊपर झुक गई
मैंने उसके झूलते हुये मम्में देखे तो उसने अपने हाथ से पकड़ कर अपना मम्मां मेरे मुंह में दिया वो बोली पियो मेरे मालिक
मैंने कहा – अरे यार ये मालिक मालिक क्या है ? मुझे मेरे नाम से पुकारो
वो बोली – आप मेरे मालिक हो जैसे कहोगे वैसे ही करूंगी
मैंने बारी बारी से उसकी मम्में चूसे एक बात तो है प्यासी औरत जब खुद सेक्स करती है तो मर्द को वो मज़ा देती है जो मर्द उसे खुद चोद कर भी नहीं ले सकता
मुझे बिल्कुल ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मैं जन्नत में हूं और कोई बहुत ही समझदार औरत मुझे सेक्स करना सीखा रही है क्योंकि इतना मज़ा तो मुझे पिछले 26 सालों में मेरी पत्नी भी नहीं दे सकी जबकि मैं उसके साथ भी ये सब आसन कर चुका था
इस रूपा से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था ऊपर बैठ कर उसकी चूत मुझे बहुत ही कसी हुई लग रही थी या शायद उसे ही पता था कि चूत को टाइट करके कैसे चोदा जाता है कि मर्द को और मज़ा आए
थोड़ी देर बाद मैंने कहा – रूपा नीचे आ जाओ
वो मेरे ऊपर से उठी और बेड पर सीधी लेट गई मैं उसके ऊपर आया उसने खुद मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा इस बार हमारा मुक़ाबला बड़े ज़ोर का रहा
वो एक बार झड़ चुकी थी तो दूसरी बार उसने भी खूब टाइम लिया इधर मैं तो आया ही खा पी कर था तो मैंने तो लंबा टाइम खेलना था दोनों में जोश भरपूर था वो भी अपनी चूत से पानी पर पानी छोड़ रही थी
मेरा भी लंड पूरा पत्थर हो रहा था इस बार तो मैंने उसे इतने ज़ोर से चोदा कि मैं तो पसीने से नहा गया नीचे से वो भी अपनी कमर चला रही थी तो उसके चेहरे कंधों सीने पेट और जांघों पर पसीना साफ दिख रहा था
हमारी चुदाई ऐसे चल रही थी जैसे दोनों में कोई मुक़ाबला चल रहा हो कि पहले कौन झड़ेगा मगर वो नॉर्मल थी तो ज़्यादा जोश में आने से वो फिर से पानी गिराने लगी
नीचे से कमर उचकाती वो ज़ोर ज़ोर से बोली चोद साले और चोद और चोद आह मार ज़ोर से मार मेरी ले डाल अंदर तक मार साले फाड़ इसे ज़ोर से मार लौड़ा और ज़ोर से मार
उसकी तड़प देख कर मुझे इतनी खुशी हो रही थी जैसे मैंने आज पहली बार सेक्स किया हो और फिर उसने अपनी कमर पूरी तरह से ऊपर को उठा दी और कमान की तरह अपने बदन को अकड़ा लिया
मैंने भी उसके मम्मों को अपने मुंह में भर के ज़ोर से काटा इतने ज़ोर से कि मेरे दांत उसके मम्में में गड़ गए वो दर्द से चीखी मगर उसके स्खलन का आनंद उसके दर्द पर भारी था मेरी बांहों में वो जैसे बेहोश होकर ही गिर गई थी
मैंने उसे बेड पर ठीक से लेटाया और जल्दी जल्दी अपना काम भी पूरा किया उसकी तरफ से अब कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी मैंने अपना माल उसके पेट पर गिरा दिया वो सिर्फ शांत लेटी मुझे देखती रही
उसको चोदने के बाद मैं भी उसकी बगल में लेट गया कितनी देर लेटे हम सिर्फ एक दूसरे की आंखों में देखते रहे कोई बात नहीं की धीरे धीरे हम दोनों की सांस में सांस आई वो मुझसे लिपट गई उसकी आंखों में आंसू आ गए
मैंने पूछा – क्या हुआ ?
मगर वो बोली कुछ नहीं बस रोती रही काफी रोने के बाद और मेरे बहुत समझाने के बाद वो चुप हुई उसके बाद मैं उसे बाथरूम में ले गया और वहां हम दोनों एक साथ नहाये फिर कपड़े पहने
फिर उसने चाय बनाई और हम दोनों ने पी उसके बाद मैं अपने घर आ गया आज इस बात को करीब 6 महीने हो गए हैं और इस दौरान मैं उसे सिर्फ 3-4 बार ही चोद पाया हूं
मगर इन 6 महीनों में मैं उनके परिवार में इतना घुलमिल गया हूं कि मुझे लगने लगा है जैसे मैं सच में ही दिव्या का बाप हूं वो भी बिल्कुल मेरी बेटी बन गई
मैं उसके साथ उसके कॉलेज में जा रहा हूं उसके साथ बाज़ार मूवी देखने सब जगह जा रहा हूं और हम चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे हैं
रूपा के घर में मेरी हैसियत उसके पति की ही है आज भी है रूपा की दोनों बेटियां मुझे ही पापा कहती हैं उन सबकी हर एक ज़रूरत को मैं पूरी ज़िम्मेदारी से निभाता हूं
बढ़ते बढ़ते प्रेम इतना बढ़ा कि मैं खुद भूल गया कि मेरे सिर्फ एक बेटा है मैंने उन दोनों लड़कियों को भी बाप का प्यार भरपूर दिया उन्हें कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी
मेरी बीवी भी कहती थी कि दोनों लड़कियां आपको अपने सगे बाप से भी ज़्यादा प्यार करती हैं और यह सही भी था क्योंकि रूपा का पति अपने घर में रोआब रखता था और अक्सर लड़कियों को डांट देना कम बोलना उसकी आदत थी
मगर मैं लड़कियों से खूब हंस बोल लेता था जब भी उनके घर जाता दोनों लड़कियां बड़े प्यार से आकर मेरे से चिपक जाती मगर मुझे कभी ऐसी फीलिंग नहीं आई कि ये किसी गैर की लड़कियां हैं
कुछ मौके ऐसे भी आए जब खेलते खेलते दोनों लड़कियों को मैंने गोद में उठाया अपने कंधों पर बैठाया एक ही बेड पर एक साथ लेट कर मोबाइल पर गेम भी खेली खुशी तो जैसे चारों तरफ से बरस रही थी
अब तो मेरी बीवी को भी विश्वास हो चला था कि मैं सिर्फ उन लड़कियों के प्रेम के कारण रूपा के घर जाता हूं तो कभी कभी मैं अकेला भी रूपा के घर जा आता था
बस इतनी बात ज़रूर थी कि रूपा अक्सर कहा करती थी- हम सिर्फ दिन में ही क्यों मिलते हैं कभी कोई प्रोग्राम बनाओ ना ताकि हम दोनों सारी रात प्रेम का खेल खेल सकें मुझे रात को आपकी बहुत याद आती है
बहुत दिल करता है कि आप मेरे साथ लेटे हों और हम दोनों बिल्कुल नंगे सारी रात एक दूसरे को प्यार करें मगर अब मेरे पास भी यही दिक्कत थी बीवी जब घर में हो तो मैं रात बाहर कैसे गुज़ारूँ और दूसरी दिक्कत रूपा की बेटियां
उसके घर में वो दिक्कत मेरे घर में ये दिक्कत मगर किस्मत आपको कब किस मोड़ किस दोराहे या चौराहे पर ला कर खड़ा कर दे आपको नहीं पता ऐसा ही मेरे साथ हुआ एक दिन मैं रूपा के घर गया
रूपा रसोई में थी तो मैं सीधा रसोई में गया अपने साथ लाये गर्मागर्म समोसे मैंने रूपा को दिये और मौका देख कर उसको पीछे से ही अच्छी तरह से अपनी बांहों में भर लिया और जब उसने मुंह घुमाया तो उसके होंठों को चूम लिया उसने भी चुम्बन का जवाब चुम्बन से दिया
मैंने पूछा – लड़कियां कहां हैं ?
वो बोली – ऊपर कमरे में बैठी पढ़ रही हैं
झट से मैंने उसकी नाईटी ऊपर उठानी शुरू की वो बिदकी- अरे क्या करते हो कोई आ जाएगा मैंने तो सिर्फ उसकी चूत ही देखनी थी वो देख ली
उसे मैंने कहा – अच्छा ठीक चाय लेकर ऊपर आ जाओ
मैं ऊपर लड़कियों के कमरे में चला गया दोनों लड़कियां मुझे देख कर खुशी से चहक उठी और दौड़ कर आकर मुझसे लिपट गई- हैलो पापा नमस्ते पापा मैंने दोनों को प्यार किया और दोनों फिर अपनी अपनी जगह जाकर बैठ गई
उसके बाद मैंने उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा और इधर उधर की बातें की इतने में रूपा चाय और समोसे लेकर आ गई
तभी दिव्या बोली – अरे समोसे सच में पापा मेरा ना अभी समोसे खाने को ही दिल कर रहा था
मैंने कहा – और देखो तुम्हारे दिल की बात मैंने सुन ली और अपनी बेटी के लिए समोसे ले आया
दिव्या ने एक समोसा उठाया और साथ में मुझे एक पप्पी भी दी हमने समोसे खाये चाय पी चाय पीने के बाद हम वहीं बैठे बातें करने लगे पहले बैठे थे फिर धीरे धीरे खिसकते हुये लेट ही गए
मैं उन्हें अपने मोबाइल पर कुछ फन्नी सी वीडियोज़ दिखा रहा था जिन्हें देख देख कर हम सब हंस रहे थे दोनों लड़कियां मेरे अगल बगल लेटी हुई थी और रूपा मेरे पांव के पास बैठी थी ये एक विशुद्ध पारिवारिक माहौल था
फिर रूपा बर्तन उठा कर रसोई में चली गई और रम्या भी उसके साथ चली गई कमरे में सिर्फ मैं और दिव्या थे अब जब हम दोनों कमरे में अकेले रह गए तो मैं उठ कर बैठ गया
तब दिव्या बोली – पापा एक बात पूछूँ ?
मैंने कहा – पूछ मेरा बाबू क्या बात है ?
वो बोली – आप गुस्सा तो नहीं करोगे ?
मैंने अपना मोबाइल बंद करके साइड पर रखा क्योंकि बात कोई गंभीर थी तभी तो उसने मेरी नाराजगी के बारे में पहले ही पूछ लिया
मैंने कहा – मैं अपने बाबू की की किसी बात पर गुस्सा नहीं होता पूछो
वो बोली – आप मम्मी से प्यार करते हो ?
एक बार तो मैं उसकी बात सुन कर सन्न रह गया मगर अब जवाब तो देना था अब सच बात तो यह थी कि मैं रूपा से कोई दिल से सच्चा प्यार नहीं करता था सिर्फ मेरा उसके प्रति जिस्मानी आकर्षण था
मगर फिर भी मैंने कहा – हां करता हूं
वो बोली – कितना प्यार करते हो ?
मैंने कहा – पहले ये बताओ तुम ये सब क्यों पूछ रही हो ?
वो बोली – मैंने मम्मी की आंखों में आपके लिए बेहद प्यार देखा है जैसे वो आपको देखती है
मैंने कहा – देखो बेटा अब तुम बड़ी हो गई हो सब दुनियांदारी समझती हो तो मैं तुम्हारे सामने ये बात कबूल कर सकता हूं कि हां मुझे तुम्हारी मम्मी से मोहब्बत है
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Vasna Hindi Sex Stories :- बीवी की सहेली और बेटी – 3